UPI Payment Extra Charges : इन्वेस्टमेंट से लेकर किसी भी सामान को खरीदने तक अगर आज की तारीख में पैसे का डिजिटल लेनदेन करना हो तो सबसे पहले लोगों के जहन में यूपीआई पेमेंट ही आता है छोटे पैसे की समस्या से लेकर रेढ़ी पटरी गांव देहातों तक यूपीआई ने पेमेंट को आसान बना दिया है डिजिटल इंडिया का यह सबसे चमकता सितारा है और सबसे बड़ी कामयाबी भी है इसकी सबसे बड़ी वजह है डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ड की तुलना में इसका मुफ्त होना इसलिए ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों ने भी इसे आराम से अपना लिया। UPI Payment Extra Charges
अब एक बड़ी मुसीबत इन सबके सामने खड़ी होने वाली है एक खुलासा हुआ है कि अगर यूपीआई पेमेंट पर फीस ली जाने लगी तो लोग इस पेमेंट करने वाले सिस्टम को छोड़ देंगे ऐसा हम क्यों कह रहे हैं चलिए बताते हैं हाल में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा था कि भारत में अगर 100 डिजिटल ट्रांजैक्शंस होते हैं तो उनमें से 80 करीब यूपीआई से होते हैं इसमें छोटे से लेकर बड़े ट्रांजैक्शंस शामिल है। UPI Payment Extra Charges
ऐसे में खुलासा होना कि अगर यूपीआई पेमेंट पर फीस लगने लगे तो इसे इस्तेमाल करने वाले 70% लोग इसे छोड़ देंगे यह एक चौकाने वाली बात है लोकल सर्किल के सर्वे में 34000 लोगों को इसमें मिलाया गया इनके जवाब के आधार पर अब यह निष्कर्ष निकाला गया कि अगर यूपीआई पेमेंट पर किसी भी तरह की कोई फीस लगती है तो लोग इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे लोगों ने कैश ट्रांजैक्शन के बदले यूपीआई को अपनाया इसलिए क्योंकि यह आसान और मुफ्त है। UPI
एनसीपीआई के आंकड़ों के अनुसार यूपीआई ने फरवरी 2024 में 16 लाख करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मूल्य दर्ज किया था जो पिछले साल फरवरी में 12 लाख करोड़ से ज्यादा था ट्रांजैक्शन शुल्क का सबसे आम उदाहरण यूपीआई भुगतान के लिए आईआरसीटीसी द्वारा लिए जाने वाला 20 रूपये शुल्क है। अब जब यह मुफ्त रहेगी नहीं तो कैश बेहतर है हालांकि यूपीआई पेमेंट पर फीस लगने की मांग लंबे समय से की जा रही है। UPI Payment Extra Charges
यूपीआई पेमेंट की सर्विस देने वाले कई फिनटेक कंपनियां जैसे Paytm, Gpay और Phonepe चाहती हैं की आरबीआई एनपीसीआई और सरकार UPI पेमेंट को MDR यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट के दायरे मैं लाए। MDR से मतलब है ऐसी पेमेंट फीस जो ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने अवज में बैंक या फिंटैक कंपनियां दुकानदारों से लेती हैं। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट के वक्त दुकानदारों को एमडीआर चुकाना होता है यूपीआई ट्रांजैक्शन के पीयर टू पियर होने की वजह से उस पर एमडीआर नहीं लगता ऐसे में फिनटेक कंपनियों के घाटी की भरपाई करने के लिए ही क्रेडिट कार्ड को भी यूपीआई से जोड़ दिया गया ताकि वे ट्रांजैक्शन फीस ले सके। UPI Payment Extra Charges
वहीं फिटेक कंपनियों ने कई अन्य सर्विसेस पर प्लेटफॉर्म फीस भी वसूलने शुरू कर दी। यूपीआई पेमेंट पर एमडीआर या ट्रांजैक्शन फीस लेने के लिए आरबीआई ने 2022 में एक कंसल्टेशन पेपर भी निकाला था जिसमें अलग-अलग अमाउंट के लेवल के हिसाब से यूपीआई पेमेंट पर शुल्क लगने को लेकर चर्चा की गई थी लेकिन इसका तब कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका लेकिन क्या यूपीआई के इस्तेमाल पर ट्रांजैक्शन फीस लगनी चाहिए आपको क्या लगता है कमेंट बॉक्स में बताइए। UPI Payment Extra Charges
फिलहाल इतना ही बाकी अपडेट्स के लिए आप पढ़ते रहिए। TodaysTimes24
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