Global Crisis Red Sea

Global Crisis Red Sea : क्या आने वाली है महा मंहगाई? जानिए क्या है कारण!

Global Crisis Red Sea : लाल सागर व्यापार को लेकर इकोनॉमिक थिंक टैंक Global ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई की रिपोर्ट में बड़ी चिंता जताई गई है। इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि इस इलाके में लगातार बढ़ते हमलों में रोकथाम होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में इसका असर Red Sea व्यापार पर देख देखा जा रहा है। Global Crisis Red Sea

 

Global Crisis Red Sea
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Global ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा है कि बढ़ती शिपिंग बीमा लागत और शिपमेंट में देरी होने से Global वैल्यू सप्लाई चेन में ब्रेक लगेगा। लाल सागर संकट की वजह से मार्जिन कम होगा और मौजूदा स्थानों से कई कम मार्जिन वाले प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करना नुकसान का सौदा बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया अफ्रीका और यूरोप के देशों को उद्योगों में सबसे ज्यादा ब्रेकर्स का सामना करना पड़ेगा। Global Crisis Red Sea

 

Global Crisis Red Sea
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लाल सागर के जरिए व्यापार में हो रही इस दिक्कत से भारत को मध्य पूर्व अफ्रीका और यूरोप के साथ व्यापार करने में परेशानी हो रही है। भारत इन जगहों पर कच्चे तेल और एलएनजी का आयात करता है और प्रमुख क्षेत्रों के साथ व्यापार के लिए बाब अल मंदेब जल डमरू मध्य पर बहुत ज्यादा निर्भर है। ऐसे में इस इलाके में किसी भी तरह की मुश्किल होने पर काफी ज्यादा आर्थिक और सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ता है।

 

Global Crisis Red Sea
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2022 में भारत के कच्चे तेल आयात का करीब 65% यानी 105 अरब डॉलर इराक सऊदी अरब और दूसरे देशों से आया है। यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के साथ कुल व्यापारिक व्यापार के लिए लाल सागर की आयात में करीब 50% और निर्यात में 60% यानी कुल मिलाकर 113 अरब डॉलर की हिस्सेदारी होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाल सागर में रोजाना हो रहे हम खत्म ना होने से यह संकट 2024 में व्यापार की मात्रा पर बुरा असर डाल सकता है। Global Crisis Red Sea

 

Global Crisis Red Sea
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इस संघर्ष के चलते शिपिंग लागत में 40 से 60% का इजाफा होगा वहीं रूट बदलने से 20 दिन तक ज्यादा समय लग सकता है जबकि बीमा प्रीमियम में 15% से 20% तक का इजाफा हो सकता है। लाल सागर संकट बड़े पैमाने पर 19 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, यह तब शुरू हुआ जब यमन में ईरान समर्थित भूति विद्रोहियों ने यमनी तट के पास मालवाहक जहाजों पर हमले शुरू किए थे।

 

Global Crisis Red Sea
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इस संगठन ने ऐसे किसी भी जहाज को निशाना बनाया है जो इजराइल से जुड़ा हुआ माना जाता है, हालांकि जिन जहाजों पर हमला किया गया उनका इजराइल से कोई सीधा संबंध नहीं था। रिपोर्ट के मुताबिक यह हमले अमेरिका और ईरान हमास और इजराइल से जुड़े एक संघर्ष का हिस्सा है। आपको हमारी य खबर कैसी लगी हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। फिलहाल इतना ही बाकी अपडेट्स के लिए आप पढ़ते रहिए। TodaysTimes24

 

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