Gautam Adani Copper Plant : देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी अपने कारोबार को लेकर काफी अग्रेसर है वह लगातार अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं और इसी कड़ी में गौतम अडानी ने सबसे बड़ी डील साइन कर ली है और इस डील के साथ ही वे मेटल इंडस्ट्री के बाहुबली बन जाएंगे जानिए कैसे, देश के दूसरे सबसे रईस शक्स गौतम बडाने लगातार अपने ग्रुप को बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं
और अब गौतम अडानी का मेगा प्लान है कि वो आने वाले समय में सिंगल लोकेशन पर दुनिया की सबसे बड़ी कॉपर फैक्ट्री लगाए और इसके लिए उन्होंने डील भी साइन कर ली है दुनिया के सबसे बड़े सिंगल लोकेटर स्मेल्टर के लिए हर साल 1.6 मिलियन टन तांबा यानी कॉपर खरीदने की डील पर उन्होंने साइन किया है। Gautam Adani Copper Plant
स्मेल्टर क्या है?
स्मेल्टर एक प्रोसेस है जिससे Ore को Metal में तब्दील किया जाता है अडानी नेचुरल रिसोर्सेस के सीईओ विनय प्रकाश ने बताया कि गुजरात की मुद्रा में 1.2 अरब डॉलर की लागत वाली पहली 5 लाख टन क्षमता की सुविधा अगले महीने से शुरू हो जाएगी और उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि दशक के अंत तक भारतीय तांबे की मांग दोगुनी होने की जो भविष्यवाणी है।
उसको पूरा करने के लिए मार्च 2029 तक इसे 1 मिलियन टन तक करने की प्लानिंग है दरअसल अरबों डॉलर के निवेश से तैयार हो रहे इस प्लांट में मार्च के अंत तक पहले फेज के ऑपरेशंस शुरू हो जाएंगे वहीं मार्च 2029 तक ये प्लांट फुल कैपेसिटी पर 10 लाख टन यानी 1 मिलियन टन क्षमता के साथ ऑपरेशंस शुरू करेगा।
अडानी ग्रुप इस कॉपर प्लांट पर कितना निवेश करेगा और इससे भारत को भविष्य में कितना फायदा मिलेगा?
इस मामले में से जुड़ी जानकारी रखने वाले के मुताबिक अडानी ग्रुप इस कॉपर प्लांट में लगभग लगभग 1.2 अरब डॉलर का निवेश करने को तैयार है और इस प्लान से देश की इकॉनमी को बहुत फायदा मिलेगा क्योंकि इससे भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर जो है वह कम होगी और साथ ही इससे ऊर्जा यानी एनर्जी बदलाव में भी मदद मिलेगी
चीन और बाकी देशों की तरह भारत भी कॉपर प्रोडक्शन को लेकर काफी अग्रेसर है और इसका काम तेजी से बढ़ रहा है कॉपर की मदद से फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल को कम किया जाएगा और इसके अलावा हर बड़ी इंडस्ट्री में कॉपर का काफी अहम रोल है।
ऊर्जा यानी एनर्जी बदलाव के लिए कॉपर को इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सोलर फोटोवॉल्टिक्स और बैटरीज में इस्तेमाल किया जाता है बता दें कि अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइस लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी कच कॉपर लिमिटेड यानी केसीएल दो फेज में 10 लाख टन सालाना क्षमता वाली कॉपर रिफाइनरी प्रोजेक्ट तैयार कर रही है।
जिसके तहत पहले फेज में इस प्लांट से एक एक साल में 5 लाख टन की क्षमता शुरू की जाएगी जिसके लिए केसीएल ने जून 2022 में फंडिंग हासिल कर ली थी अटानी ग्रुप के इस फैसले से आने वाले समय में देश के ईवी सेगमेंट को भी बूस्ट मिलने की पूरी उम्मीद है साथ ही इससे भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर कॉपर के लिए कम होगी और साथ ही साथ इससे रिलेटेड जो स्टॉक्स हैं उस पर भी हमें दे बूम देखने को मिलेगा।
फिलहाल इतना ही बाकी अपडेट्स के लिए आप पढ़ते रहिए TodaysTimes24